Monday, 13 July 2015
Friday, 10 July 2015
फेसबुक से कर सकेंगे फ्रेंड्स को ट्रैक

ऐसा ही एक फीचर है जिससे आप अपने दोस्तों को ट्रेक कर सकेंगे। इस फीचर से आपको यह पता चल सकेगा कि आपके फ्रेंड्स किस पोस्ट को लाइक कर रहे हैं और किस पोस्ट को शेयर कर रहे हैं। इस फीचर पर आपको लगातार ट्रेकिंग रिकॉर्ड देखने मिलेगा।
28 की उम्र में 8 करोड़ का मालिक बन गया कॉन्स्टेबल

कॉस्टेबल की अवैध कमाई का खुलासा तब हुआ जब जबीन के भाईयों और उनके पिता को कोच्चि इंटरनेशनल एयरपोर्ट के कस्टम अधिकारियों ने सोने की तस्करी के रैकेट में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। जबीन कोच्चि एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन सेक्शन में काम करता था। जबीन और उसके एक रिश्तेदार नौशाद ने कथित तौर पर डेढ़ साल में दुबई से 1700 से 1800 किलो सोने की तस्करी की। इसकी बाजार कीमत 400 करोड़ रूपये के पास आंकी गई है।
25 मई को हुए भंडाफोड़ के बाद से अभी तक की गई कार्रवाई में 32 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कस्टम अधिकारियों ने इस रैकेट की कार्य प्रणाली के बारे में बताया कि तस्करी के जरिए लाये गए सोने को यात्री एयरपोर्ट के इमिग्रेशन हॉल से लगे टॉइलेट में छुपा दिया करते थे। जबीन इस सोने को बाहर खड़ी पार्क में पहुंचाता था और वहां से उसका भाई सोना लेकर घर पहुंचा देता था जहां से उसका पिता ए. के. बशीर इस सोने को बाजार में बेचा करता था।
निरथ में बस गिरी, 6 की मौत, 17 घायल.........
ज्यूरी से शिमला जा रही एक निजी बस के खड्ड में गिरने से छह लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में चार पुरूष और दो महिलाएं शामिल हैं। हादसे में 17 घायल हुए हैं, हादसा सुबह करीब सात निरथ के पास मशाडा नामक जगह पर हुआ,बस भद्राश पुल से नीचे खड्ड में जा गिरी। चीखो-पुकार के बीच तत्काल वहां साथ लगते गांव के लोगों ने राहत का कार्य शुरू किया। जिसके बाद सभी घायलों को उपचार के लिए रामपुर अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है।
Thursday, 9 July 2015
Wednesday, 8 July 2015
सड़क पर होने लगी सोने-चांदी के जेवरात और मोतियों की बरसात.......!
बहराइच (9 जुलाई) : सड़क पर दौड़ते वाहनों से नोटों की बरसात के किस्से तो आपने पहले भी सुने होंगे। लेकिन सड़क पर सोने, चांदी और मोतियों के जेवरात की बौछार होने लगे तो आप क्या कहेंगे।
ऐसा ही कुछ हुआ यूपी के बहराइच के बेगमपुर कस्बे में। दरअसल रूपईडीहा की ओर से एक बाइक पर दो युवक आ रहे थे। बाइक पर ही उन्होंने पीछे एक बोरी बांध रखी थी जिसमें जेवरात भरे हुए थे। इसी बोरी से कम से कम एक किलोमीटर तक गहनों और मोतियों के दानों की बरसात होती रही।
ये नज़ारा देखकर सड़क पर चल रहे लोगों की आंखें खुली की खुली रह गई। बस फिर क्या था लोगों में सड़क पर बिखरे जेवरात और मोती लूटने की होड़ लग गई। लोग सड़क पर बैठ कर इन्हें ऐसे बीन रहे थे जैसे कि कूड़ा बीनने वाले करते हैं। इसकी वजह से सड़क पर जाम लग गया। पुलिस ने मुश्किल से जाम हटवाया। पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ये जेवरात किसके हैं और कहां ले जाए जा रहे थे।
चश्मदीदों के मुताबिक कुछ लोगों ने बाइक सवारों को रूकने के लिए आवाज़ भी दी। लेकिन उन्होंने बाइक की स्पीड और तेज़ कर दी। खबर मिलने के बाद रामगांव थानाध्यक्ष डीपी कुशवाहा मौके पर पहुंचे। पुलिस को शक है कि ये जेवरात चोरी या तस्करी के भी हो सकते हैं।
चश्मदीदों के मुताबिक कुछ लोगों ने बाइक सवारों को रूकने के लिए आवाज़ भी दी। लेकिन उन्होंने बाइक की स्पीड और तेज़ कर दी। खबर मिलने के बाद रामगांव थानाध्यक्ष डीपी कुशवाहा मौके पर पहुंचे। पुलिस को शक है कि ये जेवरात चोरी या तस्करी के भी हो सकते हैं।
लड़की को घूर-घूर कर देखने के लिए छात्र को साथियों ने पीट-पीट कर मार डाला -
मुंबई। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले से दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। यहां के एक स्कूल के परिसर में 13 वर्षीय किशोर की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। उस पर लड़की को घूरने का आरोप था। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। महाराष्ट्र में स्कूल परिसर में इस तरह की यह दूसरी वारदात है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक मृतक किरण गोराक्ष सोनावने कक्षा 7 वीं का छात्र था। वह संगमनेर तहसील के राजापुर में स्थित नूतन स्कूल में पढ़ रहा था। स्कूल का प्रबंधन प्रगतिक शिक्षा संस्थान के हाथों में है। संगमनेर पुलिस स्टेशन के अधिकारी के मुताबिक 8-9 छात्रों ने गोराक्ष को पकड़ा और उसका सिर बैंच पर दे मारा। इसके बाद उसके सिर को पेड़ पर दे मारा। पुलिस अधिकारी के मुताबिक गोराक्ष पर हमला इसलिए किया गया क्योंकि वह लड़की को घूरता था।
जानलेवा हमले की यह घटना 26 जून की है। हमले के बाद गोराक्ष को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां एक जुलाई को उसकी मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक पहले तो इसे दुर्घटना का मामला बताया गया लेकिन मंगलवार को एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि 8 से 9 छात्रों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302(34) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इनमें से तीन की पहचान हो गई है जबकि अन्य की पहचान नहीं हो पाई है। अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
उधर गोराक्ष की मां का आरोप है कि उनके बेटे की हत्या बदला लेने की भावना से की गई है। उसने कभी लड़कियों ने नहीं घूरा। वह तो लड़कियों को अपनी बहन जैसी समझता था। एक जुलाई को जलगांव की एक स्कूल परिसर में हुए हंगामे के चलते पांचवी कक्षा के छात्र की मौत हो गई थी। 11 वर्षीय किशोर रघू चव्हाण गिराड स्थित जवाहर विद्यालय का छात्र था।
- कक्षा 8 के छात्र राजस के सवालों से प्रभावित हुए RBI गवर्नर रघुराम राजन -

राजस के इस सवाल पर राजन ने कहा कि भारत को ऎसा देश नहीं बनना चाहिए कि उसकी पॉलिसयों से किसी भी देश पर नकारात्मक प्रभाव पड़े। राजन ने कहा, "मैं हमेशा से ही कहता आया हूं कि अमरीका को इस बात की चिंता करनी चाहिए कि उनकी पॉलिसियों का असर पूरी दुनिया पर पड़ता है। हमें ऎसा देश नहीं बनना चाहिए कि हमारी नीतियों का विश्व पर नकारात्मक असर पड़े।"
राजन ने कहा कि भारत अगले 10 सालों में वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अहम ताकत बन जाएगा और इसकी व्यापार नीतियां अन्य देशों को प्रभावित करेंगी। राजन ने राजस से कहा, "मुझे उम्मीद है कि जब तक तुम मेरी उम्र में पहुंचोगे तब तक हम विश्व की दूसरी या तीसरी सबसे महान अर्थव्यवस्था बन चुके होंगे और उस समय तुम बतौर आरबीआई गवर्नर ऎसी नीतियां तैयार करोगे जिससे ना केवल भारत पर बल्कि विश्व पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।"
- बाघा बोर्डर का सारा माहौल कैसे बदला बता रहें हैं ये जनाब............!
बोर्डर यानी सीमा का नाम दिमाग में आते ही कुछ सैनिक, देशभक्ति, भारत माता की जय, पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे से गूंजने लगते हैं लेकिन ईस्ट इंडिया कॉमेडी के कॉमेडियन अतुल खत्री आज आपको बाघा बोर्डर का ऐसा सीन बताऐंगे जिसे सुनकर नारे नहीं बल्कि ठहाके लगाए जाऐंगे.
इन डॉक्टर साहब ने बताए चूतिया होने के कुछ लक्षण. कहीं आप भी तो नहीं?
क्या आप सस्ती चीज़े लेकर उसे मंहगा बताते हैं, छोटे कपड़े पहनने वाली लड़कियों या सिगरेट पीने वाली लड़कियों को ये सोचकर लाइन मारते हैं कि वो आसानी से पट जाएंगी. दोस्तों को भगवान का डर दिखा कर उन्हें आगे सेंड करने वाले मेसेज भेजते हैं, या फिर किसी स्मार्ट मॉडल की तस्वीर को प्रोफाइल पिक बनाकर लड़कियों की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करते हैं. अगर आप ये सब करते हैं तो, “जनाब आप चूतिया है” सही में! ये मैं नहीं कह रहा. ये तो इन डॉक्टर साहब का कहना है. इस वीडियो को देखने के बाद आप खुद ही समझ जाएंगे की चूतिया कौन होता है?
सोनम कपूर का ये शानदार फ़ोटो शूट एक बार तो देखना बनता है .............!
अभी कुछ दिन पहले दीपिका पादुकोण का एक ऐड आया था, जिसमें उन्होंने भारतीय ही नहीं बल्कि विश्व में मौजूद हर महिला को वैचारिक स्वतंत्रता देने के पक्ष में एक संदेश दिया था. ये Campaign Vogue Magazine द्वारा चलाया गया था. ये काफ़ी चर्चित व विवादास्पद रहा. Magazine ने अब सोनम कपूर की कुछ शानदार फ़ोटोज़ कैप्चर की हैं. ये केवल मनोरंजन के लिए नहीं ली गई हैं दोस्तों, इन तस्वीरों से एक संदेश लिया जा सकता है कि अब और बंदिश नहीं...
सोनम कपूर ने ये फ़ोटोज़ बुधवार को अपने ट्विटर और इंस्टग्राम पर भी शेयर की थी.

The Story Of Vikram Batra Aka Sher Shah Who Gave His Life On This Day In Kargil War
Captain Vikram Batra service number IC 57556 was born in Kangra valley in Palampur, Himachal Pradesh. During the Kargil invasion of 1999 by Pakistan, Lt. Batra (at time) was ordered to recapture peak 5140 on June 19, 1999 five weeks after the war began.
The Pakistani camp on the peak was filled with enemy soldiers and all of Batra’s men made it alive to the top of the peak with a decisive victory. The captain elated with capturing the peak at the time famously told his commander at the base camp – ‘Yeh Dil Maangey More’.


Nine days after that phone call, Vikram Batra made one more phone call as he was to leave for an urgent mission to recapture peak 4875. This was one of the most difficult peaks to capture as the Pakistani troops sat above the peak at 16000 feet and the climb gradient was 80 degrees. The fog made matters worse for Batra and his team. He never called back home again.
The enemy sitting above the peak got to know of Batra’s arrival and he was heavily wounded in combat. Anuj Nayyar, another young officer fought with him until his last breath on the night of 7th July 1999. By the morning of 8th July 1999, India had recaptured peak 4875 but lost Captain Vikram Batra. Vikram Batra was posthumously awarded the Param Vir Chakra, India’s highest military honor.

ऑनलाइन ऐसे बनेगा आधार कार्ड
आधार कार्ड हर भारतीय की बायोमैट्रिक पहचान है। सरकार इस एक भारतीय के पहचान पत्र के रूप में आवश्यक करने जा रही है। अगर आपका आधार कार्ड नहीं बना है तो इसके लिए आपको लाइन में लगने की आवश्यकता नहीं है। अब आधार के लिए अपॉइंटमेंट लेकर भीड़ और लाइन में खड़े रहने से बचा जा सकता है। इसके लिए यूआईडीएआई एक एक स्कीम लेकर आई है।
अंतर्गत आधार कार्ड अपॉइंटमेंट के लिए आप अपनी मर्जी के अनुसार दिनांक और समय भी चुन सकते हैं। इससे आपको दो फायदे होंगे, एक तो आपके समय की बचत होगी और लाइन में खड़े यूआईडीएआई ने आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए नया और अनोखा अपॉइंटमेंट लेटर ऑनलाइन जारी किया है।

यहां से कोई भी नागरिक अपना आधार कार्ड बनवाने के लिए मनमुताबिक दिनांक और समय चुनकर अपॉइंटमेंट ले सकते हैं। इसके लिए सिर्फ आपको यूआईडीएआई की वेबसाइट पर दिया गया 'अपॉइंटमेंट फोर आधार एनरोलमेंट फॉर्म भरना है। इसका एक और फायदा ये भी है कि आप न सिर्फ अपना बल्कि अपने सभी परिवार वालों के लिए एक ही दिन और समय का अपॉइंटमेंट भी ले सकते हैं।
इस फॉर्म के तीन कॉलम-1. डिटेल, 2. सेंटर और 3. डेट/टाइम को भरकर पूरा करना है। सबसे पहले आपको डिटेल कॉलम में दिए नाम, ईमेल, मोबाइल नं. तथा व्यक्तियों की संख्या भरना है। इसके बाद सेंटर कॉलम में स्टेट, डिस्ट्रिक्ट, एनरोलमेंट सेंटर तथा लोकेलिटी/एरिया भरना है। दिनांक और समय के तीसरे कॉल में आपको डेट, टाइम भरना है तथा उसमें सबसे नीचे दिया गया वेरिफिकेशन कोड खाली बॉक्स में डालना है। ये सब काम करने के बाद आपको फॉर्म के सबसे नीचे दांयी तरफ दिए गए 'फिक्स अपॉइंटमेंट' बटन पर क्लिक करना है। यह सूचना यूआईडीएआई की वेबसाट पर सेव हो जाएगी जिसका आप प्रिंट आउट भी ले सकते हैं।
वेबसाइट पर आपको इससे पहले आप सेंटर कॉलम में दिए गए चेक अवेलिबिलिटी पर क्लिक चेक करना होगा कि आप द्वारा चुना गया समय और दिनांक डिपार्टमेंट कार्य दिवस में हैं या नहीं। इसमें एक और खास बात ये है कि यूआईडीएआई ने फिलहाल यह सेवा देश कुछ ही राज्यों और शहरों में शुरू की है। आपको चेक करना होगा। हालांकि धीरे-धीरे इसमें देश के सभी राज्यों शहरों को जोड़ा जा रहा है।
आधार कार्ड को UIDAI की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। अगर आप अपने आधार कार्ड की कॉपी डाउनलोड करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको अपने यूआईडी नंबर या इनरोलमेंट आईडी की जानकारी होना आवश्यक है।
अगर आपको नया आधार मिला है तो यह सबसे अच्छी बात है कि आप उसका नंबर नोट करके रख लें। अगर किसी वजह से आपका आधार खो जाए तो इनरोलमेंट आईडी के माध्यम से आप पुनः डुप्लीकेट आधार ईशू करा सकते हैं। इस वेबसाइट पर जाकर आप ऑनलाइन भी नया आधार कार्ड बनवा सकते हैं- http://india.gov.in/hi/82
Monday, 6 July 2015
इस फल से आदमी रहता है तंदरुस्त , लेकिन इसकी कहानी कुछ यूँ है जिसे पढ़ कर रो देंगे आप
मधुमेह, भूख और कैंसर के लिए है रामबाण
देवभूमि उत्तराखंड में उगने वाला काफल अपनी खूबियों से सहज ही लोगों को आकर्षित कर लेता है। शरीर को हमेशा जवान रखने वाले इस फल के पीछे एक बहुत ही मार्मिक कहानी है जिसे सुन कर आपकी आंखों में आसूं आ जाएंगे।
कहा जाता है कि उत्तराखंड के एक गांव में एक गरीब महिला रहती थी, जिसकी एक छोटी सी बेटी थी। दोनों एक दूसरे का सहारा थे। आमदनी के लिए उस महिला के पास थोड़ी-सी जमीन के अलावा कुछ नहीं था, जिससे बमुश्किल उनका गुजारा चलता था।
गर्मियों में जैसे ही काफल पक जाते, महिला बेहद खुश हो जाती थी। उसे घर चलाने के लिए एक आय का जरिया मिल जाता था। इसलिए वह जंगल से काफल तोड़कर उन्हें बाजार में बेचती, जिससे परिवार की मुश्किलें कुछ कम होतीं। एक बार महिला जंगल से एक टोकरी भरकर काफल तोड़ कर लाई।
उस वक्त सुबह का समय था और उसे जानवरों के लिए चारा लेने जाना था। इसलिए उसने इसके बाद शाम को काफल बाजार में बेचने का मन बनाया और अपनी मासूम बेटी को बुलाकर कहा, "मैं जंगल से चारा काट कर आ रही हूं। तब तक तू इन काफलों की पहरेदारी करना। मैं जंगल से आकर तुझे भी काफल खाने को दूंगी, पर तब तक इन्हें मत खाना।"
मां की बात मानकर मासूम बच्ची उन काफलों की पहरेदारी करती रही। इस दौरान कई बार उन रसीले काफलों को देख कर उसके मन में लालच आया, पर मां की बात मानकर वह खुद पर काबू कर बैठे रही। इसके बाद दोपहर में जब उसकी मां घर आई तो उसने देखा कि काफल की टोकरी का एक तिहाई भाग कम था। मां ने देखा कि पास में ही उसकी बेटी सो रही है।
सुबह से ही काम पर लगी मां को ये देखकर बेहद गुस्सा आ गया। उसे लगा कि मना करने के बावजूद उसकी बेटी ने काफल खा लिए हैं। इससे गुस्से में उसने घास का गटर एक ओर फेंका और सोती हुई बेटी की पीठ पर मुटी से जोरदार प्रहार किया। नींद में होने के कारण छोटी बच्ची अचेत अवस्था में थी और मां का प्रहार उस पर इतना तेज लगा कि वह बेसुध हो गई।
बेटी की हालत बिगड़ते देख मां ने उसे खूब हिलाया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। मां अपनी औलाद की इस तरह मौत पर वहीं बैठकर रोती रही। उधर, शाम होते-होते काफल की टोकरी फिर से पूरी भर गई। जब महिला की नजर टोकरी पर पड़ी तो उसे समझ में आया कि दिन की चटक धूप और गर्मी के कारण काफल मुरझा जाते हैं और शाम को ठंडी हवा लगते ही वह फिर ताजे हो गए। अब मां को अपनी गलती पर बेहद पछतावा हुआ और वह भी उसी पल सदमे से गुजर गई।
कहा जाता है कि उस दिन के बाद से एक चिडिया चैत के महीने में "काफल पाको मैं नि चाख्यो" कहती है, जिसका अर्थ है कि काफल पक गए, मैंने नहीं चखे...। फिर एक दूसरी चिडिया "पुर्रे पुतई पुर्रे पुर" गाते हुए उड़ती है। इसका अर्थ है "पूरे हैं बेटी, पूरे हैं"...।
ये कहानी जितनी मार्मिक है, उतनी ही उत्तरखंड में काफल की अहमियत को भी बयान करती है। आज भी गर्मी के मौसम में कई परिवार इसे जंगल से तोड़कर बेचने के बाद अपनी रोजी-रोटी की व्यवस्था करते हैं। काफल के महत्व पर एक लोकगीत भी है जिसमें वह खुद को देवताओं के खाने योग्य समझता है। कुमाऊंनी भाषा के एक लोक गीत में तो काफल अपना दर्द बयान करते हुए कहते हैं, "खाणा लायक इंद्र का, हम छियां भूलोक आई पणां। इसका अर्थ है कि हम स्वर्ग लोक में इंद्र देवता के खाने योग्य थे और अब भू लोक में आ गए।"
कहा जाता है कि उत्तराखंड के एक गांव में एक गरीब महिला रहती थी, जिसकी एक छोटी सी बेटी थी। दोनों एक दूसरे का सहारा थे। आमदनी के लिए उस महिला के पास थोड़ी-सी जमीन के अलावा कुछ नहीं था, जिससे बमुश्किल उनका गुजारा चलता था।
गर्मियों में जैसे ही काफल पक जाते, महिला बेहद खुश हो जाती थी। उसे घर चलाने के लिए एक आय का जरिया मिल जाता था। इसलिए वह जंगल से काफल तोड़कर उन्हें बाजार में बेचती, जिससे परिवार की मुश्किलें कुछ कम होतीं। एक बार महिला जंगल से एक टोकरी भरकर काफल तोड़ कर लाई।
उस वक्त सुबह का समय था और उसे जानवरों के लिए चारा लेने जाना था। इसलिए उसने इसके बाद शाम को काफल बाजार में बेचने का मन बनाया और अपनी मासूम बेटी को बुलाकर कहा, "मैं जंगल से चारा काट कर आ रही हूं। तब तक तू इन काफलों की पहरेदारी करना। मैं जंगल से आकर तुझे भी काफल खाने को दूंगी, पर तब तक इन्हें मत खाना।"
मां की बात मानकर मासूम बच्ची उन काफलों की पहरेदारी करती रही। इस दौरान कई बार उन रसीले काफलों को देख कर उसके मन में लालच आया, पर मां की बात मानकर वह खुद पर काबू कर बैठे रही। इसके बाद दोपहर में जब उसकी मां घर आई तो उसने देखा कि काफल की टोकरी का एक तिहाई भाग कम था। मां ने देखा कि पास में ही उसकी बेटी सो रही है।
सुबह से ही काम पर लगी मां को ये देखकर बेहद गुस्सा आ गया। उसे लगा कि मना करने के बावजूद उसकी बेटी ने काफल खा लिए हैं। इससे गुस्से में उसने घास का गटर एक ओर फेंका और सोती हुई बेटी की पीठ पर मुटी से जोरदार प्रहार किया। नींद में होने के कारण छोटी बच्ची अचेत अवस्था में थी और मां का प्रहार उस पर इतना तेज लगा कि वह बेसुध हो गई।
बेटी की हालत बिगड़ते देख मां ने उसे खूब हिलाया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। मां अपनी औलाद की इस तरह मौत पर वहीं बैठकर रोती रही। उधर, शाम होते-होते काफल की टोकरी फिर से पूरी भर गई। जब महिला की नजर टोकरी पर पड़ी तो उसे समझ में आया कि दिन की चटक धूप और गर्मी के कारण काफल मुरझा जाते हैं और शाम को ठंडी हवा लगते ही वह फिर ताजे हो गए। अब मां को अपनी गलती पर बेहद पछतावा हुआ और वह भी उसी पल सदमे से गुजर गई।
कहा जाता है कि उस दिन के बाद से एक चिडिया चैत के महीने में "काफल पाको मैं नि चाख्यो" कहती है, जिसका अर्थ है कि काफल पक गए, मैंने नहीं चखे...। फिर एक दूसरी चिडिया "पुर्रे पुतई पुर्रे पुर" गाते हुए उड़ती है। इसका अर्थ है "पूरे हैं बेटी, पूरे हैं"...।
ये कहानी जितनी मार्मिक है, उतनी ही उत्तरखंड में काफल की अहमियत को भी बयान करती है। आज भी गर्मी के मौसम में कई परिवार इसे जंगल से तोड़कर बेचने के बाद अपनी रोजी-रोटी की व्यवस्था करते हैं। काफल के महत्व पर एक लोकगीत भी है जिसमें वह खुद को देवताओं के खाने योग्य समझता है। कुमाऊंनी भाषा के एक लोक गीत में तो काफल अपना दर्द बयान करते हुए कहते हैं, "खाणा लायक इंद्र का, हम छियां भूलोक आई पणां। इसका अर्थ है कि हम स्वर्ग लोक में इंद्र देवता के खाने योग्य थे और अब भू लोक में आ गए।"
सिर्फ एक मुट्ठी काफल खाने से मिलते हैं ये फायदे
छोटा गुठली युक्त बेरी जैसा काफल गुच्छों में आता है और पकने पर बेहद लाल हो जाता है, तभी इसे खाया जाता है। वहीं ये पेड़ अनेक प्राकृतिक औषधीय गुणों से भरपूर है। इसकी छाल जहां विभिन्न औषधियों में प्रयोग होती है।
आयुर्वेद में काफल को भूख की अचूक दवा बताया गया है। साथ ही मधुमेह रोगियों के लिए भी यह रामबाण बताया गया है। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. के.एस. सोनी ने आईपीएन को बताया कि इसके साथ ही विभिन्न शोध इसके फलों में एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के होने की पुष्टि करते हैं, जिनसे शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव कम होता है और दिल सहित कैंसर एवं स्ट्रोक के होने की संभावना कम हो जाती है।
खास बात है कि इतनी उपयोगिता के बावजूद काफल बाहर के लोगों को खाने के लिए नहीं मिल पाता। दरअसल, काफल ज्यादा देर तक रखने पर खाने योग्य नहीं रहता। यही वजह है उत्तराखंड के अन्य फल जहां आसानी से दूसरे राज्यों में भेजे जाते हैं, वहीं काफल खाने के लिए लोगों को देवभूमि ही आना पड़ता है।
बीते वर्षो में काफल की बागवानी के उपाय हुए हैं। अगर इसे व्यापक और सफलतापूर्वक किया जाए, तो न सिर्फ लोगों को ये पौष्टिक फल आसानी से खाने को मिलेगा, बल्कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में इसकी उपयोगिता लोगों की आय का बड़ा जरिया भी बन सकती है।
आयुर्वेद में काफल को भूख की अचूक दवा बताया गया है। साथ ही मधुमेह रोगियों के लिए भी यह रामबाण बताया गया है। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. के.एस. सोनी ने आईपीएन को बताया कि इसके साथ ही विभिन्न शोध इसके फलों में एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के होने की पुष्टि करते हैं, जिनसे शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव कम होता है और दिल सहित कैंसर एवं स्ट्रोक के होने की संभावना कम हो जाती है।
खास बात है कि इतनी उपयोगिता के बावजूद काफल बाहर के लोगों को खाने के लिए नहीं मिल पाता। दरअसल, काफल ज्यादा देर तक रखने पर खाने योग्य नहीं रहता। यही वजह है उत्तराखंड के अन्य फल जहां आसानी से दूसरे राज्यों में भेजे जाते हैं, वहीं काफल खाने के लिए लोगों को देवभूमि ही आना पड़ता है।
बीते वर्षो में काफल की बागवानी के उपाय हुए हैं। अगर इसे व्यापक और सफलतापूर्वक किया जाए, तो न सिर्फ लोगों को ये पौष्टिक फल आसानी से खाने को मिलेगा, बल्कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में इसकी उपयोगिता लोगों की आय का बड़ा जरिया भी बन सकती है।
AISHWARYA RAI: THE IMPECCABLE BEAUTY QUEEN
Last year, Aishwarya Rai Bachchan made major international movie headlines when it was reported she would make her comeback in the Bollywood movie, Jazbaa. Fans were ecstatic to find out Bachchan would be returning to film, but there would also be criticism too, specifically on her weight. Back in November 16, 2011, Bachchan gave birth to her daughter, Aaradhya. After some time went by, it become noticeable that Bachchan wasn’t losing her baby weight which eventually led to ridicule and controversy. Even now, Aishwarya Rai Bachchan is being criticized for her weight resulting in Jazbaa director Sanjay Gupta to silence them.
At this moment, Jazbaa is in the middle of production and it seems everything is continuing on smoothly. However, there is one detail about the Bollywood film fans of Korean entertainment might find interesting. Jazbaa is a Bollywood remake of the K-movie Seven Days.
According to KdramaStars, the Bollywood film Jazbaa (which translates to “Passion”) is a remake of Seven Days, a hit K-movie filmed eight-years-ago starring Yun Jin Kim and Park Hee Soon. In the original film, Yun Jin plays Yoo Ji Yeon, a lawyer who has never lost a case. While participating in field day activities at her daughter’s school, her daughter goes missing. Later that day, Ji Yeon receives a call from her daughter’s abductor. The abductor gives Ji Yeon instructions to defend a five-time convicted felon who is appealing his convictions. The trial is scheduled to go on for seven days and Ji Yeon has to prove the felon’s innocence within that time. If she fails, her daughter dies.
At this moment, Jazbaa is in the middle of production and it seems everything is continuing on smoothly. However, there is one detail about the Bollywood film fans of Korean entertainment might find interesting. Jazbaa is a Bollywood remake of the K-movie Seven Days.
According to KdramaStars, the Bollywood film Jazbaa (which translates to “Passion”) is a remake of Seven Days, a hit K-movie filmed eight-years-ago starring Yun Jin Kim and Park Hee Soon. In the original film, Yun Jin plays Yoo Ji Yeon, a lawyer who has never lost a case. While participating in field day activities at her daughter’s school, her daughter goes missing. Later that day, Ji Yeon receives a call from her daughter’s abductor. The abductor gives Ji Yeon instructions to defend a five-time convicted felon who is appealing his convictions. The trial is scheduled to go on for seven days and Ji Yeon has to prove the felon’s innocence within that time. If she fails, her daughter dies.
यात्रा को यादगार बनाने के लिए इस कपल ने कर डाला ये काम.........!

Friday, 3 July 2015
बस तुम ही तुम . . .

बारिश के बाद की
सुहानी धूप सी तुम
केशों से टपकती
पानी की बूंद सी तुम
ठंड से कपकपाये
गुलाबी होठों सी तुम
कुछ कहने के लिए खुले
लरजते लफ्ज़ों सी तुम
फूलों से मीठा रस
सोखती तितली सी तुम
डाल डाल फुदकती
नन्हीं गुरैया सी तुम
रात भर ओस में भीगी
हरी दूब सी तुम
सितारों सजी ओढनी ओढे
चांद को आंचल में छुपाती सी तुम
भोर तले पनघट पर
कृष्ण की राधिका सी तुम
ख्वाबों की खिड़की से झांकती
ख्वाबों की ताबीर सी तुम
मंजिल की तलाश में चलती
मेरी छाव सी तुम
तुमसे जुड़ी मेरी हर सांस
दिल की हर धड़कन सी तुम. . . . .
Neha Dhupia New Pictures from Maxim Magazine July 2015
Neha Dhupia is one of the girls who poses for the maxim magazine most of the times and this time she is back again on the new cover page of Maxim Magazine July 2015. She is one of the hottest actresses in the Bollywood and features on most the popular magazine covers. Here in the post we are sharing her new pictures from the July 2015 shoot, in which she is looking so hot.
Her most recent films are Paying Guest, Action Replayy, De Dana Dan and Pappu Can’t Dance Saala. She has worked on her first international project with Chris Kattan in IFC's Bollywood Hero. Neha Dhupia may work on a Julie sequel in a few years.
Her most recent films are Paying Guest, Action Replayy, De Dana Dan and Pappu Can’t Dance Saala. She has worked on her first international project with Chris Kattan in IFC's Bollywood Hero. Neha Dhupia may work on a Julie sequel in a few years.
Bollywood's BEST selfie!
The selfie phenomenon is unstoppable. Be it college kids, celebrities or anybody with an access to smartphones is doing it.
Of course, not all grab millions of eyeballs the way Ellen DeGeneres’ star-studded selfie did at Oscars 2014.
But that it doesn’t require any special talent, celebrates our inner narcissist and is best enjoyed when absolutely random (or silly) could be the reasons of its widespread appeal.
Bottom-line: this vain photo exercise is here to stay. And even Salman Khan is going all out to endorse it in the new song, Selfie le le re from of his upcoming movie, Bajrangi Bhaijaan.
Meanwhile, here are 10 of the coolest Bollywood selfies we came across recently.
A goofy Sonakshi Sinha demonstrates the aftermath of an imaginary electrocution in one of her MOST hilarious selfies.
Of course, not all grab millions of eyeballs the way Ellen DeGeneres’ star-studded selfie did at Oscars 2014.
But that it doesn’t require any special talent, celebrates our inner narcissist and is best enjoyed when absolutely random (or silly) could be the reasons of its widespread appeal.
Bottom-line: this vain photo exercise is here to stay. And even Salman Khan is going all out to endorse it in the new song, Selfie le le re from of his upcoming movie, Bajrangi Bhaijaan.
Meanwhile, here are 10 of the coolest Bollywood selfies we came across recently.
A goofy Sonakshi Sinha demonstrates the aftermath of an imaginary electrocution in one of her MOST hilarious selfies.
Meet Sachin Tendulkar's daughter Sara

Thursday, 2 July 2015
Where does your iPhone go to die? Read. And be afraid.

Technology, they say, will even save the environment.
But the dark side of the growth story has just begun to reveal itself. We are facing the onset of an unprecedented tsunami of electronic waste.
To say that discarded electronic appliances - if not recycled properly - can lead to pollution, toxicity, environmental damage and complications in human health would be an understatement.
As people go through electronics faster and faster, the problem gets harder to solve.
So what's the scale of India's e-waste? It's a scary answer.
Here's what the numbers say:

- That's how much e-waste was generated in India in 2014
- That's nearly four times the weight of the Empire State Building - a 102-storey skyscraper
- 70% of that mountain of e-waste is contributed by the public and private industrial sectors
- This contains over 1,000 different substances that are toxic - lead, arsenic, mercury and cadmium to name a few
- E-waste typically includes computer monitors, LCDs, air-conditioners, fridges, mobile phones, chargers, cathode rays tubes, motherboards etc

- The predicted increase of e-waste from televisions in India by 2020, according to a Rajya Sabha report
- Iron and steel make up 50% of e-waste from TVs; plastics account for around 21%
- Computers, televisions and mobile phones are the most dangerous. They have the maximum levels of cadium, lead and mercury and are discarded most often
- Individual households account for around 15% of India's e-waste
सगे भाई ने किया वो काम जो बहन सपने में भी नहीं सोच सकती
छिंदवाड़ा। बिछुआ थाना क्षेत्र के ग्राम घाटकामठा में मंगलवार दरमियानी रात भाई ने भाई की कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी। परिजनों की सूचना पर पुलिस ने सोमवार हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी को हिरासत में लिया है। पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि मामूली बात पर भाई ने कुल्हाड़ी से सिर और गर्दन पर वार किए जिससे उसकी मौत हो गई।

शिवपाल कोई भी काम नहीं करता था जिसके चलते मंगलवार दोपहर दोनों भाइयों के बीच मामूली विवाद हुआ, जिसके बाद पिता पतिराम ने भी शिवपाल को फटकारा। देर रात इसी बात को लेकर दोबारा विवाद हुआ जिसने बड़ा रूप लिया और शिवराज ने कुल्हाड़ी से अपने सगे भाई की हत्या कर दी। थाना प्रभारी श्रीवास्तव ने बताया कि गुरुवार हत्या के आरोपी को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
Wednesday, 1 July 2015
EXPOSED: 21 FAKE universities operating across India; check out complete list here

In a notification issued on Wednesday, the UGC has listed 21 "fake" universities - eight in Uttar Pradesh, six in Delhi and one each in Tamil Nadu, Karnataka, Bihar, Kerala, Madhya Pradesh, Maharashtra and West Bengal.
"Students and public at large are informed that such 21 self-styled and unrecognized institutions, functioning under the contravention of the UGC Act are declared as fake, and are not entitled to confer any degrees further," said the apex body for higher education in its notice.
According to the UGC Act, 1956, only a university established by the Central/State/Provincial Act or an institution deemed to be university under Section 3 of the Act is allowed to call themselves as university.
Therefore, any institution that does not comply with the above rule is prohibited from using the term 'university' under Section 23 of the Act.
Check out the complete list of fake universities released by UGC.
Bihar
Maithili University/Vishwavidyalaya Darbhanga Bihar
Delhi
Varanaseya Sanskrit Vishwavidyalaya. Varanasi, UP and Jagatpuri Delhi
Commercial University Ltd, Daryaganj Delhi
United Nations University, Delhi
Vocational University, Delhi
Indian Institution of Science and Engineering, New Delhi
ADR-Centric Juridical University, Gopala Tower, Rajendra Place, New Delhi
Karnataka
Badaganvi Sarkar World Open University, Education Society, Gokak Belgaum (Karnataka)
Kerala
St.John's University, Kishanattam, Kerala
Madhya Pradesh
Keserwani Vidyapith, Jabalpur, Madhya Pradesh
Maharashtra
Raja Arabic University, Nagpur
Tamil Nadu
D.D.B. Sanskrit University, Putur, Trichi
West Bengal
Indian Institute of Alternative Medicine, 80, Chowringhee Road, Kolkata
Uttar Pradesh
Mahila Gram Vidyapith/Vishwavidyalaya, Prayag, Allahabad
Gandhi Hindi Vidyapith, Prayag, Allahabad
National University of Electro Complex Homeopathy, Kanpur
Netaji Subhash Chandra Bose University (Open University), Achaltal, Aligarh
Uttar Pradesh Vishwavidyalaya, Kosi Kalan, Mathura, Uttar Pradesh
Maharana Pratap Shiksha Niketan Vishwavidyalaya, Pratapgarh
Indraprastha Shiksha Parishad, Institutional Area, Khoda, Makanpur, Noida Phase II
Gurukul Vishwavidyalaya, Vrindavan, UP
यूजनी बुचार्ड के पहनावे ने तोडा विंबलडन का कानून
दन। पहले ही दौर से हारकर वर्ष के तीसरे ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट विंबलडन से बाहर हो चुकीं कनाडा की टेनिस स्टार यूजनी बुचार्ड टूर्नामेंट के ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के बावजूद दंडित होने से बच गई।
पिछले वर्ष फाइनल तक का सफर तय करने वाली बुचार्ड मंगलवार को हुए महिला एकल वर्ग के पहले दौर के मैच में चीन की यिंग यिंग डुआन के हाथों उलटफेर का शिकार हुईं।
मैच रेफरी लुइस एंगजेल ने 12वीं विश्व वरीयता प्राप्त टेनिस सुंदरी बुचार्ड की पोशाक का निरीक्षण किया, हालांकि उन्हें दंडित नहीं किया। विंबलडन ड्रेस कोड के अनुसार खिलाडियों को पूरी तरह सफेद वस्त्रों में ही कोर्ट पर खेलने के लिए उतरना होता है। बुचार्ड हालांकि काले रंग की ब्रा पहनकर यह मैच खेलने उतरी थीं और मैच के दौरान उनके ब्रॉ की स्ट्रिप आसानी से दिखाई दे रही थी।
बुचार्ड से जब पूछा गया कि क्या क्या उन्हें पता था कि उनकी ब्रा स्ट्रैप के कारण उन्हें परेशानी हो सकती थी तो बुचार्ड ने कहा, मुझे इस बात की जानकारी नहीं थी और मुझे किसी ने भी मेरी ब्रा को लेकर कुछ भी नहीं कहा।
by Patrika
पिछले वर्ष फाइनल तक का सफर तय करने वाली बुचार्ड मंगलवार को हुए महिला एकल वर्ग के पहले दौर के मैच में चीन की यिंग यिंग डुआन के हाथों उलटफेर का शिकार हुईं।

बुचार्ड से जब पूछा गया कि क्या क्या उन्हें पता था कि उनकी ब्रा स्ट्रैप के कारण उन्हें परेशानी हो सकती थी तो बुचार्ड ने कहा, मुझे इस बात की जानकारी नहीं थी और मुझे किसी ने भी मेरी ब्रा को लेकर कुछ भी नहीं कहा।
by Patrika
मिस्र में सैन्य चौकियों पर आतंकी हमले, 60 जवानों की मौत
काहिरा (1 जुलाई) : मिस्र के अशांत सिनाई प्रायद्वीप में आतंकवादियों ने सेना की अलग-अलग चौकियों पर ताबड़तोड़ हमले किए। इन हमलों में कम से कम 60 सैनिकों के मारे जाने की ख़बर है। हमलों में आत्मघाती हमलावरों और भारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया।

नार्थ सिनाई के शेख जुवैद शहर में आंतकी हमलों में आत्मघाती कार बमों और हथियारों से सुरक्षा चौकियों को भारी नुकसान पहुंचा।
दो दिन पहले ही मिस्र के महाभियोजक हिशाम बरकत की एक कार बम हमले में की हत्या कर दी गई थी। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी ने एक दिन पहले आतंकवादियों के सफाये के लिए बड़ा अभियान चलाने की बात कही थी। जनवरी 2011 में पूर्व राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को क्रांति के जरिए सत्ता से बेदखल किये जाने के बाद मिस्र में नार्थ सिनाई में कई हिंसक हमले हो चुके हैं।
केजरीवाल सरकार में कुछ नहीं बदला, वैसे ही हैं समस्याएं
नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा चुनाव में ऑटोरिक्शा ड्राइवर विनोद कुमार ने बड़े उत्साह से अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया था। भ्रष्टाचार खत्म करने और जरूरी बिलों को कम करने के वादों पर आम आदमी पार्टी शानदार बहुमत के साथ सत्ता में भी आई। केजरीवाल के सत्ता में आए चार महीने हो गए लेकिन विनोद की समस्या खत्म नहीं हुई। दिल्ली के तपते जून में 47 साल के विनोद ने कहा, 'कुछ भी नहीं बदला है'।
विनोद ने कहा, 'उन्होंने मुफ्त में पानी का वादा किया था लेकिन हमलोग गर्मी में पानी की भारी कमी से जूझ रहे हैं। हमलोग चाहते हैं कि केजरीवाल केवल दिल्ली पर ध्यान दें न कि अपना वक्त राजनीति में गंवाएं।'
इसी साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को 70 में से 67 सीटों पर जीत मिली थी। भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन चलाने वाले केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने।
केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी को बुरी तरह से हरा दिया। पिछले साल हुए आम चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पहली हार थी। केजरीवाल की छवि जमीन से जुड़े लोगों के बीच रहने वाले नेता के रूप में बनी थी। वह अपने ट्रेडमार्क मफलर पर एक व्यंग्यात्मक टेलिविजन शो में आने पर भी राजी हुए। लेकिन सत्ता में आने के कुछ ही हफ्ते बाद आम आदमी पार्टी राजनीतिक मुक्केबाजी में लग गई। पार्टी बेमतलब के दावे करने लगी कि वह दूसरों से अलग है।
फर्जी डिग्री के मामले में केजरीवाल को अपने दूसरे कार्यकाल में कानून मंत्री से हाथ धोना पड़ा। जब सफाई कर्मचारी सैलरी नहीं मिलने के कारण हड़ताल पर गए तो नए मुख्यमंत्री केजरीवाल समस्याओं से घिर गए। बदबूदार कूड़ों का सड़क पर ढेर लग गया। सुनील उन हजारों में से एक हैं जिन्होंने केजरीवाल को वोट किया था। उनका कहना है, 'मैंने केजरीवाल को इसलिए वोट दिया था कि वह राजनीति से पहले पब्लिक को तवज्जो देंगे। सुनील का कहना है कि केजरीवाल के पहले कुछ महीने बेहद निराशाजनक रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार का नाम केवल विवादित खबरों में आया और उन्होंने हमारे लिए कुछ भी नहीं किया।
दिल्ली के सफाईकर्मियों की हड़ताल से उपजी समस्या को सुलझाने में केजरीवाल नाकाम रहे। ऐसा इसलिए कि सिविक बॉडी पर बीजेपी का कब्जा है। दिल्ली को स्पेशल स्टेटस मिला है। यह पूर्ण राज्य नहीं है। ऐसे में कई अहम ताकतों पर केंद्र सरकार का नियंत्रण है। इनमें पुलिस भी शामिल है। ऐसे में सिविक बॉडी पर किसी दूसरी पार्टी का नियंत्रण होने से दिल्ली सरकार की परेशानी और जटिल हो जाती है। इस हालत में किसी को राजनीति मोहरा बनाना और आसान हो जाता है।
चुनाव बाद केजरीवाल से प्रधानमंत्री मोदी ने भरपूर समर्थन देने का वादा किया था। लेकिन इनकम टैक्स ऑफिसर से राजनीतिक कैंपेनर बने केजरीवाल ने बीजेपी पर दिल्ली में काम नहीं करने देने के गंभीर आरोप लगाए। केजरीवाल ने एनडीटीवी से कहा था, 'बीजेपी दिल्ली में चुनाव हारने के बाद से बदला लेना चाहती है। यह बिल्कुल ठीक नहीं है।'
राजनीति का बड़ा केंद्र मुख्यमंत्री के रूप में यह केजरीवाल का दूसरा कार्यकाल है। पहला टर्म इनका दिसंबर 2013 में शुरू हुआ था और राष्ट्रीय राजनीति में धमाका करने की आकांक्षा के साथ इन्होंने 49 दिनों में ही इस्तीफा दे दिया था। केजरीवाल का यह कदम आत्मघाती साबित हुआ। पिछले साल हुए आम चुनाव में आम आदमी पार्टी हाशिए पर चली गई। केजरीवाल ने मोदी को बनारस जाकर चुनौती दी लेकिन वह फिर से दिल्ली लौटने पर मजबूर हुए।
राजनीतिक एक्सपर्ट समीर सरन का मानना है कि केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से कड़वी प्रतिद्वंद्विता को पर्याप्त जगह दी। ऐसा प्रभुत्व के लिए किया गया लेकिन इसका नुकसान दिल्ली के लोगों का हो रहा है। दिल्ली स्थित ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के सीनियर रिसर्च फेलो समीर सरन का मानना है कि पिछले कुछ महीनों को केजरीवाल ने व्यर्थ टकराव में गंवाया। उन्होंने कहा कि जहां काम होने चाहिए थे वहां राजनीति का बड़ा अड्डा बन गया। केजरीवाल श्रेष्ठ बन सकते थे लेकिन उन्होंने खुद को भटकाया।
फर्जी डिग्री के मामले में केजरीवाल को अपने दूसरे कार्यकाल में कानून मंत्री से हाथ धोना पड़ा। जब सफाई कर्मचारी सैलरी नहीं मिलने के कारण हड़ताल पर गए तो नए मुख्यमंत्री केजरीवाल समस्याओं से घिर गए। बदबूदार कूड़ों का सड़क पर ढेर लग गया। सुनील उन हजारों में से एक हैं जिन्होंने केजरीवाल को वोट किया था। उनका कहना है, 'मैंने केजरीवाल को इसलिए वोट दिया था कि वह राजनीति से पहले पब्लिक को तवज्जो देंगे। सुनील का कहना है कि केजरीवाल के पहले कुछ महीने बेहद निराशाजनक रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार का नाम केवल विवादित खबरों में आया और उन्होंने हमारे लिए कुछ भी नहीं किया।
दिल्ली के सफाईकर्मियों की हड़ताल से उपजी समस्या को सुलझाने में केजरीवाल नाकाम रहे। ऐसा इसलिए कि सिविक बॉडी पर बीजेपी का कब्जा है। दिल्ली को स्पेशल स्टेटस मिला है। यह पूर्ण राज्य नहीं है। ऐसे में कई अहम ताकतों पर केंद्र सरकार का नियंत्रण है। इनमें पुलिस भी शामिल है। ऐसे में सिविक बॉडी पर किसी दूसरी पार्टी का नियंत्रण होने से दिल्ली सरकार की परेशानी और जटिल हो जाती है। इस हालत में किसी को राजनीति मोहरा बनाना और आसान हो जाता है।
चुनाव बाद केजरीवाल से प्रधानमंत्री मोदी ने भरपूर समर्थन देने का वादा किया था। लेकिन इनकम टैक्स ऑफिसर से राजनीतिक कैंपेनर बने केजरीवाल ने बीजेपी पर दिल्ली में काम नहीं करने देने के गंभीर आरोप लगाए। केजरीवाल ने एनडीटीवी से कहा था, 'बीजेपी दिल्ली में चुनाव हारने के बाद से बदला लेना चाहती है। यह बिल्कुल ठीक नहीं है।'
राजनीति का बड़ा केंद्र मुख्यमंत्री के रूप में यह केजरीवाल का दूसरा कार्यकाल है। पहला टर्म इनका दिसंबर 2013 में शुरू हुआ था और राष्ट्रीय राजनीति में धमाका करने की आकांक्षा के साथ इन्होंने 49 दिनों में ही इस्तीफा दे दिया था। केजरीवाल का यह कदम आत्मघाती साबित हुआ। पिछले साल हुए आम चुनाव में आम आदमी पार्टी हाशिए पर चली गई। केजरीवाल ने मोदी को बनारस जाकर चुनौती दी लेकिन वह फिर से दिल्ली लौटने पर मजबूर हुए।
राजनीतिक एक्सपर्ट समीर सरन का मानना है कि केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से कड़वी प्रतिद्वंद्विता को पर्याप्त जगह दी। ऐसा प्रभुत्व के लिए किया गया लेकिन इसका नुकसान दिल्ली के लोगों का हो रहा है। दिल्ली स्थित ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के सीनियर रिसर्च फेलो समीर सरन का मानना है कि पिछले कुछ महीनों को केजरीवाल ने व्यर्थ टकराव में गंवाया। उन्होंने कहा कि जहां काम होने चाहिए थे वहां राजनीति का बड़ा अड्डा बन गया। केजरीवाल श्रेष्ठ बन सकते थे लेकिन उन्होंने खुद को भटकाया।
केजरीवाल सरकार ने पिछले महीने बजट के जरिए अपने समर्थकों को साधने की कोशिश की है। दिल्ली सरकार ने सोशल सर्विस पर बजट का हिस्सा बढ़ाया। गरीबों के लिए पानी और बिजली पर भी सब्सिडी दी। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह बजट आम आदमी का है और हमने कोशिश की है कि दिल्ली के लोगों की जरूरतें और हसरतों को छू पाऊं। हालांकि दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित का कहना है कि केजरीवाल सरकार न तो गवर्नेंस को समझना चाहती है और न ही समझ रही है।
15 सालों तक दिल्ली की सीएम रहने वाली शीला दीक्षित ने कहा, 'यहां तक कि हमलोग के भी दूसरी अथॉरिटीज से मतभेद होते थे लेकिन हमलोग इसे आंदोलन और शोर के जरिए नहीं सुलझाते थे।' आप समर्थक और दिल्ली के इलेक्ट्रिशन राजू सिंह ने कहा, 'केजरीवाल ने अभी तक शहर की जरूरत और प्रतिबद्धता के हिसाब से प्रदर्शन नहीं किया है। हालांकि राजू का कहना है कि वह पारंपरिक राजनेताओं के मुकाबले अच्छे हैं। राजू ने कहा, 'हमलोग उनका समर्थन करते हैं और उम्मीद है कि वह यहां रहकर बदलाव लाएंगे।
15 सालों तक दिल्ली की सीएम रहने वाली शीला दीक्षित ने कहा, 'यहां तक कि हमलोग के भी दूसरी अथॉरिटीज से मतभेद होते थे लेकिन हमलोग इसे आंदोलन और शोर के जरिए नहीं सुलझाते थे।' आप समर्थक और दिल्ली के इलेक्ट्रिशन राजू सिंह ने कहा, 'केजरीवाल ने अभी तक शहर की जरूरत और प्रतिबद्धता के हिसाब से प्रदर्शन नहीं किया है। हालांकि राजू का कहना है कि वह पारंपरिक राजनेताओं के मुकाबले अच्छे हैं। राजू ने कहा, 'हमलोग उनका समर्थन करते हैं और उम्मीद है कि वह यहां रहकर बदलाव लाएंगे।
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